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Best Sexologist in Delhi
Welcome to Ashok Clinic

About Us
डॉ अशोक गुप्ता दिल्ली में एक शीर्ष सेक्सोलॉजिस्ट हैं। वह B.A.S.M है और पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए यौन समस्याओं, यौन विकारों और मूत्र रोगों को हल करने के लिए अपने 54+ वर्षों के अनुभव का उपयोग कर रहें है। वह दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में अभ्यास करते हैं और यौन समस्याओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए उपचार प्रदान करने में माहिर हैं। इसके अलावा, वह व्यसन-विरोधी (anti-addiction) और सेक्स (hyper-sexuality) और पोर्न की लत (Porn Addiction) जैसे बाध्यकारी व्यवहार के लिए भी मदद करते है। जब हमारे संतुष्ट ग्राहक हमारे बारे में बात करते हैं तो हमारा समर्पण और गोपनीयता सूची में सबसे ऊपर होता है।
Services we offer
Health Care Services
अशोक क्लिनिक, दिल्ली में सेक्सोलॉजिस्ट की सबसे अच्छी टीम है, सभी यौन समस्याओं और बीमारियों से संबंधित सभी संतोषजनक सेवाएं और समाधान प्रदान करती है। इसके अलावा, यह प्रोस्टेट, मूत्र और नशामुक्ति जैसी अन्य समस्याओं से पीड़ित रोगियों का भी इलाज करता है।
बार बार पूछे जाने वाले प्रश्न
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction), जिसे नपुंसकता के रूप में भी जाना जाता है, इरेक्शन प्राप्त करने में असमर्थता है जिसे संभोग के अंत तक काफी हद तक बनाए रखा जा सकता है।
आयु , भय अस्वास्थ्य जीवनशैली, तनाव, मधुमेह, स्ट्रोक और तंत्रिका संबंधी विकार, प्रोस्टेट और हृदय संबंधी रोग आदि जैसे कई कारण हो सकते हैं। हैरानी की बात यह है कि बिना परामर्श या नुस्खे के दवा लेने की आदत भी नपुंसकता की ओर ले जाती है।
पुरषो में सम्भोग करने में ढीलापन या कम शुक्राणुओं के या बिलकुल निल्ल शुक्राणु को पुरुष बाँझपन कहा जाता है उनमे से कुछ को शुगर, दमा, टी.बी, कैंसर और रोजाना खुराक की कमी और नशेबाजी के कारन पुरषो में बाँझपन की समस्या पैदा हो जाती है |
जब भी पुरुष के लिंग से बहुत जल्दी वीर्य का स्त्राव होता है उदा। केवल एक नग्न महिला को देखते या सोचते ही , फोरप्ले के दौरान या योनि में लिंग डालने के शुरुआती सेकंड के दौरान, जो दोनों भागीदारों को असंतुष्ट छोड़ देता है, इसे प्री मेच्योर या शीघ्र स्खलन कहा जाता है।
ऐसे कई तरीके और तकनीकें हैं जो ऐसी समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक होती हैं। उदाहरण के लिए, कुछ पुरुष नियमित व्यायाम, योग, यौन उपचार, विशेष आहार चार्ट और परामर्श आदि की मदद लेते हैं।
किसी भी कारन (जो आप आगे जान पाएंगे ) मूत्र का लाल, पीला, दूधिया या रुक रुक कर दर्द और जलन के साथ मूत्र आने को मूत्र रोग कहा जाता है।
पानी जैसे तरल पदार्थो का जरुरत से कम लेना या फिर शराब जैसी चीजों का ज्यादा सेवन करना, असुरक्षित ( बिना कंडोम ) अनजान लोगो से यौन सम्बंद स्थापित करना या फिर शुगर व् कैंसर जैसी बीमारियों की सही चिकित्स्य न करना या 45 वर्ष की आयु के बाद प्रोस्टेड का बढ़ जाना मूत्र रोगो के कारन हो होते है |