कहा जाता है कि उम्र बढ़ने के साथ जननक्षमता घटती चली जाती है ऐसे में कई मुश्किलें सामने आती है। यहाँ हम आपको बता रहे हैं कि उम्र बढ़ने के साथ आपको गर्भधारण करने में कैसे मुश्किलें आ सकती हैं। आजकल महिलाएं अपने कैरियर और आर्थिक जिम्मेदारियों के चलते देर से मां बनने की सोचती है किन्तु उन्हें यह पता नहीं होता कि देर से मां बनाने का फैसला उनके लिए कई मुश्किलें कड़ी कर सकता है। गायनेकोलॉजिस्ट का भी मानना है कि 30 साल के बाद मां बनने पर कुछ मुश्किलें सामने आ सकती हैं। (Pregnancy at the right age)
अमूमन तीस की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के शारीरिक व् हार्मोनल बदलाव आने लगते है जिस कारण से जननक्षमता में भी गिरावट आती रहती है। अगर स्त्री रोग विशेषज्ञों की माने तो 28 से 35 की उम्र के बीच में महिलाओं की जननक्षमता में स्पष्टरूप से गिरावट देखी जा सकती है लेकिन 35 की उम्र तक अधिकतर महिलाओं को मां बनने में कोई परेशानी नहीं आती है। हालाँकि 39-40 साल में गर्भधारण करना काफी मुश्किल माना जाता है। इसकी एक वजह यह भी है कि तीस वर्ष के बाद महिलाओं में ओवुलेशन (Ovulation) कम होता है। अगर आप तीस वर्ष के बाद मां बनती है तो इससे बच्चे में क्रोमोसोमल असामान्यता (Chromosomal abnormalities) का खतरा बढ़ जाता है। आपका बच्चा डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome) से प्रभावित हो सकता है। 35 से कम उम्र की महिलाओं के आईवीएफ (IVF) से कंसीव करने के चांसेस 25 से 28 फीसदी होते हैं जबकि 40 की उम्र के बाद यह दर सिर्फ 6 से 8 प्रतिशत ही रह जाती है।
उम्र बढ़ने के साथ सबसे बड़ा जो खतरा बार बार सामने आता है वो है मिसकैरेज का। अमेरिकन सोसायटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन के अनुसार 35 से 40 उम्र की 25 प्रतिशत महिलाओं का मिसकैरेज हो जाता है। इसके अलावा तीस की उम्र के बाद सिजेरियन ऑपरेशन की संभावना भी रहती है।
उम्मीद है कि आप इन बातों को ध्यान में रखकर ही सही उम्र में मां बनने का फैसला लेंगी।