प्यार बिना दांपत्य सुख नहीं Pyar Bina Shadi me Sukh Nahi
दांपत्य सुख एक ऐसा विषय है जिसे शब्दों में नहीं बांधा जा सकता लेकिन इसका अनुभव हर पति पत्नी को होता है क्योंकि उनके द्वारा आनंदमय तरीके से आपसी संबंध बनाने को ही दांपत्य सुख कहते हैं जिसके दौरान पति पत्नी दोनों ही एक दूसरे को अच्छे लगते है और यही अच्छा लगने की ललक दोनों को ही बार-बार एक दूसरे को नजदीक आने के लिए उकसाती है।
इतना ही नहीं पति-पत्नी के आपसी संबंधों को मधुर व् प्रगाढ़ बनाने में प्यार द्वारा क्रियान्वित सेक्स एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस बारे में हमारा तो यही कहना और मानना है कि यदि किसी भी स्त्री-पुरुष के आपसी संबंधों में असामान्य रूप से कोई कड़वाहट या कोई क्लेश हो वहां जरूर कोई न कोई सेक्स समस्या होती है। जरुरी नहीं कि सेक्स समस्या पुरुष में ही हो, इसके लिए स्त्री भी जिम्मेदार हो सकती है क्योंकि कई बार पुरुष का मन तो पत्नी के साथ संबंध बनाने का होता है लेकिन वह इजाजत नहीं देती। मान- मनुहार के बाद भी अभी मूड नहीं है की बात कह कर पति की सेक्स भावना का अनादर कर देती है। इस प्रकार की जब बार-बार पुनरावृति होने लगती है तो पुरुष कुंठित होकर कई तरह की सेक्स समस्याओं से ग्रस्त हो जाता है। ऐसी स्थिति उनके दांपत्य जीवन में कड़वाहट घोल देती है।
आमतौर पर यह मामला पति और पत्नी के बीच का माना जाता है इसीलिए परिवार के अन्य लोग भी दोनों के संबंधों की कड़वाहट कम करने में अक्सर कोई प्रभावी भूमिका नहीं निभा पाते और उनके संबंध बद से बदतर होकर विस्फोटक बन जाते है। आपसी संबंधो को पति-पत्नी के बीच प्यार और मधुरता का सेतु माना जाता है जिसमें उनके बीच शारीरिक व आत्मिक रूप से सहयोग और समर्पण जरुरी हो जाता है। अतः पति-पत्नी को आपसी संबंधों को सिर्फ खाना पूर्ति तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि इनको अधिक से अधिक आनंदमय बनाने का प्रयास करना चाहिए। यदि उन्हें सेक्स संबंध बनाते समय कोई परेशानी या समस्या का अनुभव होने लगे तो चिकित्सक की सलाह ले लेनी चाहिए।