शिक्षा और कानून से होगा रेप पर कंट्रोल

आज हमारे देश में चोरी, गबन, रिश्वतखोरी, आतंकवाद और रेप जैसे घटनाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन सबसे
ज्यादा दुखद और चिंता करने वाली खबरें छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म और बलात्कार (sexual abuse) की बढ़ती घटनाएं हैं| शरीर विज्ञानं के अनुसार जब बच्चा बड़ा होकर किशोरावस्था में आता है, तो शरीर में कई हॉर्मोन्स क्रियाशील हो उठते हैं| इनके कारण शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं और विपरीत लिंग या सेक्स के प्रति आकर्षण बढ़ने लगता है| मुश्किल तब होती है जब ये आकर्षण बहुत अधिक बढ़ जाता है| उचित समय पर यौन शिक्षा के न मिलने पर तथा कड़ी सजा के बिना दर से कई लोग खुद पर काबू नहीं रख पाते और गलत रास्ते पर चले जाते हैं| ऐसे ही कुछ लोग बलात्कार जैसी घटनाओं को अंजाम दे देते हैं| प्रश्न ये है की बलात्कारी को तो कानून सजा दे देता है किन्तु उनका क्या जिनकी गैर-ज़िम्मेदारी से ऐसे लोगों की मानसिकता को बलात्कारी बना दिया? ऐसी घृणित घटनाओं को रोकने के लिए समाज के लोगों एवं प्रशासन को मिलकर ऐसा प्रयास करना चाहिए जिससे आने वाली जनरेशन बलात्कार की बजाय सदाचार के बारे में सोचे, अपनी ऊर्जा और मानसिकता को सही दिशा में लगाए और समाज में महिलाओं के मन से डर की भावना समाप्त हो|

यदि हम अन्य कई देशों की तरह “रेड लाइट जोन” (Red Light Zone) अलग से विकसित करें जहाँ न तो पुलिस का डर हो, और न ही किसी यौन संक्रमित बीमारी का डर, तो काफी हद तक इस समस्या का समाधान हो सकता है| ऐसे स्थान नियमित रूप से मेडिकल जांच और नियम-कानून के अन्तर्गत चलने होंगे| यदि हमारे देश में इस तरह की व्यवस्था हो जाए तो हालात ठीक हो सकते हैं| हम वैश्यावृति को बढ़ावा देने के पक्ष में नहीं हैं लेकिन हमारा मानना है कि देश से बलात्कार और दुष्कर्म की समस्या में लगभग ७०% की कमी आ जाएगी|

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