इंसान के विवाहित जीवन में सेक्सुअल इंटरकोर्स जीवन का एक हिस्सा है क्योंकि इससे ही संतान का जन्म होता है। संतानप्राप्ति के लिए वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं की काफी अहमियत होती है, क्योंकि इनसे ही नया जीव (संतान) तैयार होता है। लेकिन आजकल पुरुषों में शुक्राणु दोष के कारणों में काफी वृद्धि देखी जा रही है जिसके कारण देश में संतानहीनता में भी वृद्धि दिखाई दे रही है। आइये बात करते हैं पुरुषों में Sperms Count कम होने के कारण और Treatment की।

पुरुषों में, Sperms Count कम होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे हार्मोन्स (Change in Hormones) का बदलना या स्पर्म्स के गुजरने वाले रास्ते में ब्लॉकेज (Blockage in sperm gland). टेस्टिकल्स एरिया (Pain in testicles area) में दर्द, सूजन और गांठ बनना. शरीर और चेहरे के बालों का कम होना या फिर क्रोमोसोम या हार्मोन की असामान्यता (irregular hormones or chromosomes। इसके अलावा पुरुषों में जंक फ़ूड तथा रासायनिक खाद्य एवं पेय पदार्थों और नशों का सेवन करने का चलन काफी बढ़ रहा है जिसका सीधा प्रभाव उनके वीर्य (स्पर्म्स) में बनने वाले शुक्राणुओं एवं उनकी सेक्स क्षमता पर पड़ता है।

वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अनुसंधानों द्वारा यह सिद्ध हो चूका है कि रसायन युक्त खाद्य व पेय पदार्थों में पाए जाने वाले कीटनाशकों के कारण दुनियाभर के पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में बेहद कमी आ रही है। इसकी पुष्टि ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (British Medical Journal) ने भी की है।

यदि शुक्राणुओं में गिरावट तथा सेक्स क्षमता में कमी की यही दर बरकरार रही तो वह दिन दूर नहीं जब संतानहीन दम्पतियों की संख्या बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगी जो विवाहित स्त्री-पुरुषों के लिए बेहद दुखद बात होगी। इसी बात को गंभीरता से समझते हुए शोधकर्ताओं ने इसका इलाज भी निकाल दिया है जो केवल प्रशिक्षित डॉक्टर ही कर सकता है। यदि किसी पुरुष के वीर्य में शुक्राणुओं के संख्या घट कर नाम मात्र अर्थात 1-2 प्रतिशत भी हो तो शुक्राणुओं की वृद्धि उचित इलाज एवं खान-पान के तरिके में बदलाव द्वारा शत-प्रतिशत संभव हो सकती है। इसके लिए किसी क्वालिफाइड या अनुभवी डॉक्टर से ही संपर्क करना चाहिए।

Type in
Details available only for Indian languages
Settings
Help
Indian language typing help
View Detailed Help